कैट सी.जी. चैप्टर प्रे.वि. क्र./06/11/2025-26 दिनांक 24.11.2025
प्रदेश में लगभग 1 लाख शादियों से लगभग 3500 करोड़ का व्यापार- ‘वोकल फॉर लोकल’ को मिलेगा प्रोत्साहन
देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन एवं राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य श्री अमर पारवानी, छत्तीसगढ़ इकाई के चेयरमैन श्री जितेंद्र दोशी, श्री विक्रम सिंहदेव, अध्यक्ष श्री परमानंद जैन, महामंत्री श्री सुरिन्दर सिंह, कोषाध्यक्ष श्री अजय अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष श्री राजेंद्र जग्गी, श्री राम मंधान, श्री वासु मखीजा, श्री भरत जैन, श्री राकेश ओचवानी, श्री शंकर बजाज आदि ने संयुक्त रूप से बताया कि कैट की अनुसंधान शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी (ब्त्ज्क्ै) के नवीनतम अध्ययन के अनुसार 1 नवंबर से 14 दिसंबर 2025 के बीच प्रदेश सहित देशभर में लगभग 46 लाख शादियाँ होंगी, जिनसे करीब लगभग ₹6.50 लाख करोड़ का व्यापार होने का अनुमान है।
अध्ययन की मुख्य बातें
कुल शादियाँ (देशभर) : लगभग 46 लाख
कुल अनुमानित व्यापार : लगभग ₹6.50 लाख करोड़
प्रदेश में शादियाँ : लगभग 1 लाख
प्रदेश का योगदान : लगभग ₹3500 करोड़
तुलनात्मक रूप सेः
2024 में 42 लाख शादियों से लगभग ₹5.90 लाख करोड़
2023 में 38 लाख शादियों से लगभग ₹4.74 लाख करोड़
2022 में 32 लाख शादियों से लगभग ₹3.75 लाख करोड़ का व्यापार हुआ था।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयर मैन एवं राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य श्री अमर पारवानी जी ने बताया कि इस वर्ष होने वाले विवाहों में खर्च का पैटर्न भी उल्लेखनीय है। शादी बजट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर विभाजन लगभग इस प्रकार है- 3 प्रतिशत शादियाँ ₹1 करोड़ से ₹10 करोड़ के बजट में होंगी, जबकि 9 प्रतिशत शादियों का बजट ₹50 लाख से ₹1 करोड़ के बीच रहेगा। लगभग 25 प्रतिशत शादियाँ ₹25 लाख से ₹50 लाख के बजट में होंगी, और 22 प्रतिशत शादियाँ ₹15 लाख से ₹25 लाख की श्रेणी में आएँगी। वहीं सर्वाधिक 41 प्रतिशत शादियाँ ₹15 लाख से कम बजट में सम्पन्न होंगी। यह आँकड़े दर्शाते हैं कि विवाह उद्योग हर वर्ग के लिए समान रूप से अवसर पैदा करता है और छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े सेवा प्रदाताओं तक सभी के लिए व्यापक आर्थिक संभावनाएँ उपलब्ध कराता है।
शादी खर्च में वृद्धि
श्री पारवानी ने बताया कि इस वर्ष प्रति शादी खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। बढ़ती आय, कीमती धातुओं की कीमतों में बढ़ोतरी और त्योहारों के दौरान उपभोक्ता विश्वास बढ़ने से वेडिंग इंडस्ट्री में रिकॉर्ड उछाल दर्ज हुआ है।
अध्ययन में यह सामने आया कि शादी से जुड़े 70 प्रतिशत से अधिक सामान अब भारतीय निर्मित हैं-परिधान, आभूषण, सजावट सामग्री, बर्तन, कैटरिंग आइटम आदि। कैट के “वोकल फॉर लोकल वेडिंग्स” अभियान के कारण चीनी लाइटिंग, इम्पोर्टेड डेकोरेशन, गिफ्ट एक्सेसरीज़ आदि की मांग में उल्लेखनीय गिरावट आई है। इससे भारतीय कारीगरों, ज्वैलर्स और वस्त्र उद्योग को बड़ा लाभ मिल रहा है।
प्रदेश का वेडिंग मार्केट लगभग – 3500 करोड़ का कारोबार
छत्तीसगढ़ में अनुमानित 1 लाख शादियों के साथ लगभग ₹3500 करोड़ का व्यापार होगा। देवउठनी एकादशी के बाद से ही बैंड-बाजा-बारात का दौर शुरू हो चुका है और सभी भवन, रिसॉर्ट तथा मैरिज लॉन लगभग फुल बुक हैं।
होटल एवं हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 85-95 प्रतिशत तक बुकिंग रहने का अनुमान है, जो सामान्य दिनों से लगभग दोगुना है।
ऽ डेस्टिनेशन वेडिंग्स, फैशन, ज्वैलरी और कैटरिंग में उछाल
ऽ डेस्टिनेशन वेडिंग बुकिंग्स में 18-22 प्रतिशत वृद्धि
ऽ ज्वैलरी खरीद में 1-15 प्रतिशत वृद्धि
ऽ वेडिंग फैशन मार्केट (डिज़ाइनर वियर, मेकअप, ग्रूमिंग) में 20 प्रतिशत से अधिक वृद्धि
ऽ ट्रांसपोर्ट, कैब, लाइटिंग, इवेंट लॉजिस्टिक्स में 30-35 प्रतिशत की बढ़ोतरी
ऽ प्रीमियम कैटरिंग व रीजनलक्यूज़ीन की मांग में 25 प्रतिशत वृद्धि
डिजिटल वेडिंग ट्रेंड्स का विस्तार
डिजिटल निमंत्रण, ऑनलाइन वेन्यूटूर, ऐप-आधारित फोटोग्राफी एडिट्स, वर्चुअल वेडिंग प्लानिंग जैसी सेवाओं में तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है।
शादी बजट का 1-2 प्रतिशत हिस्सा अब डिजिटल कंटेंट एवं सोशल मीडिया कवरेज पर खर्च किया जा रहा है।
रोज़गार सृजन
शादी सीजन 2025 से 1 करोड़ से अधिक अस्थायी और अंशकालिक रोजगार सृजित होने का अनुमान है। इससे डेकोरेटर, कैटरिंग, फ्लोरिस्ट, कलाकार, ट्रांसपोर्ट, हॉस्पिटैलिटी और एमएसएमई सेक्टर को सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार के लिए भारी राजस्व
कैट के अनुसार यह 45 दिवसीय शादी सीजन सरकार को लगभग ₹75,000 करोड़ का टैक्स राजस्व (जीएसटी आदि) प्रदान करेगा।
श्री अमर पारवानी ने कहा भारतीय वेडिंग इकॉनमी देश का सबसे बड़ा असंगठित किंतु अत्यंत प्रभावशाली क्षेत्र है। यह न केवल परंपरा और संस्कृति का संगम है, बल्कि व्यापार, रोजगार और आत्मनिर्भरता को गति देने वाला एक मजबूत आर्थिक इंजन भी है। ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत भारतीय उत्पाद अब हर विवाह समारोह की धड़कन बन चुके हैं।
धन्यवाद
सुरिन्दर सिंह
प्रदेश महामंत्री
मो. 7000147979

